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उत्तराखंड

देव भूमि

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देव भूमि



हमारी देव भूमि उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं का सामना करती रही है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भूस्खलन, मूसलाधार बारिश, बाढ़, सिकुड़ती हिमरेखा जैसी घटनाओं की संख्या और तीव्रता दोनों में वृद्धि हो रही है।

हमारी देव भूमि उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं का सामना करती रही है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण भूस्खलन, मूसलाधार बारिश, बाढ़, सिकुड़ती हिमरेखा जैसी घटनाओं की संख्या और तीव्रता दोनों में वृद्धि हो रही है।

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जलवायु परिवर्तन न केवल पर्यावरण को प्रभावित करता है, बल्कि इसके दूरगामी परिणाम हमारे सम्पूर्ण समाज और आजीविका पर भी पड़ते हैं।

उत्तराखंड: 90 लाख की आबादी वाले इस प्रदेश के 85% जिले आकस्मिक/अत्याधिक बाढ़ और भूस्खलन के हॉटस्पॉट् हैं।

cover_image Changing Horticultural Production in Uttarakhand By Editorial Team | May 31, 2024 Once a leading producer of pear, peach, plum, and apricot and the third largest producer of high quality apples in the country, the yield of major fruit crops have plummeted significantly in Uttarakhand in the last seven years. cover_image Premature blooming alters buransh flower benefits By Editorial Team | March 28, 2024 Amidst the treasures of Uttarakhand is its state tree flower, the Buransh, scientifically known as Rhododendron. Climate change is causing warmer and shorter winters which has ultimately led to the untimely flowering of the famous flower.
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2013 में बादल फटने से हुई तबाही के कारण उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को 3.8 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।

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उत्तराखंड के दर्शनीय स्थल और ध्वनियाँ


उत्तराखंड के हृदय और आत्मा को अनुभव कीजिए। आपदाओं से उभर के आए उत्तराखंड के लोगों की ज़ूबानी सुनें कहानियाँ उनकी प्रतिरोधक्षमता की, सहनशीलता की, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की और उनकी प्रेरणा की।

पिछले दशक में उत्तराखंड ने बाढ़ एवं सूखे की आपदाओं का एक साथ ही सामना किया जिससे नीति निर्माताओं के लिए नीति एवं निर्णय निर्धारण एक चुनौती बन गई है।

Community Conversations on Uttarakhand

उत्तराखंड में हिमालय के ग्लेश्यिरों के पिघलने की दर में 2010 से 2020 के बीच 65% तक की वृद्धि हुई है जिससे भविष्य के जल संसाधनों के बारे में चिंता बढ़ गई है।